बहुत कुछ है कहने के बाद भी अनकहा हुआ, बहुत कुछ है न कहने के बाद भी कहा हुआ. किसे कहा जाये, किसे अनकहा रखा जाये? समय के हाथ बहुत कुछ है और अपने हाथ में जैसे कुछ भी नहीं. बस इसी धैर्य को धारण किये हैं, नितांत खोखले धैर्य को.
जन्मदिन पर आशीर्वाद. जहाँ हो जिस रूप में जो खुश रहना, सुखी रहना.
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