याद नहीं है कि ये फोटो कब की है? बहुत याद करने की कोशिश की, बहुत देर तक की मगर याद नहीं आया. इसलिए अब बिना किसी विवरण के इसे पोस्ट कर दे रहे हैं. जिस दिन इसके बारे में अम्मा या पिंटू से जानकारी कर लेंगे, उस दिन इसके बारे में लिखा जायेगा.
बिन तुम्हारे दिन का गुजरना
यादों के साथ गुजरता समय अभी तीन महीने ही सरक सका है. तुम हर समय आँखों के सामने रहते हो, ऐसा लगता ही नहीं कि तुम कहीं दूर चले गए हो. इसके बाद भी तुम्हारा खालीपन स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है. न तुम्हारी शैतानियाँ, न तुम्हारा बच्चों को चिढ़ाना, न तुम्हारा बेवकूफी भरी हरकतें करना दिखाई पड़ता है. तुमको डांट भी नहीं पाते क्योंकि अब तुम सामने होते हुए भी सामने नहीं हो.
खैर, क्या कहें और क्या न कहें. बस सब कुछ यादों में ही बसा-सिमटा हुआ है. तुम खुश रहो, प्रसन्न रहो, जहाँ भी रहो.
Subscribe to:
Posts (Atom)
पहली पुण्यतिथि पर तुम्हारे साथ
आज, दिनांक 16 जनवरी 2022 को उज्जैन में. रश्मि, टिंकू, पिंटू, विक्रम पहली पुण्यतिथि पर.
-
क्या लिखें , क्या याद रखें , क्या भूलें कुछ भी अपने हाथ में नहीं , अपने वश में नहीं. चाहे भीड़ हो या फिर तन्हाई , घर में हों या फिर घर से...
-
बहुत कुछ है कहने के बाद भी अनकहा हुआ, बहुत कुछ है न कहने के बाद भी कहा हुआ. किसे कहा जाये, किसे अनकहा रखा जाये? समय के हाथ बहुत कुछ है और अप...
-
तुम ऐसी लकीर खींच गये जो कभी छोटी न हो सकेगी। बस याद बाकी है।